बचपन की यादें: खिलखिलाते लम्हे
बचपन के दिन, खिलखिलाती यादें,
खेल-खिलौने की मिठी बातें।
गुड़ियों के साथ गुजरे वो पल,
बचपन के दिन, स्वर्ग का अधिकार।
बारिश की बूँदों में खेलना,
खुशी से हर बात साझा करना।
बचपन के दिन, उन्हीं की चाहत,
खिलौने की दुकानों में चलती रहती राहत।
मिठाई के टुकड़े, खाने का रंग,
बचपन के दिन, मस्ती की ज़ंजीर की तरह संग।
उड़ान भरना, ख्वाबों की दुनिया में,
बचपन के दिन, हर पल है खुशियों की दास्तां।
यादों की रेखाएँ, अब भी हैं साथ,
बचपन के दिन, जीने की आवाज़।
हर बात पर हंसी, हर खेल में खोया,
बचपन के दिन, हर दिन अनमोल होता रोया।
© nishitgangwar
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#poetrycommunity
खेल-खिलौने की मिठी बातें।
गुड़ियों के साथ गुजरे वो पल,
बचपन के दिन, स्वर्ग का अधिकार।
बारिश की बूँदों में खेलना,
खुशी से हर बात साझा करना।
बचपन के दिन, उन्हीं की चाहत,
खिलौने की दुकानों में चलती रहती राहत।
मिठाई के टुकड़े, खाने का रंग,
बचपन के दिन, मस्ती की ज़ंजीर की तरह संग।
उड़ान भरना, ख्वाबों की दुनिया में,
बचपन के दिन, हर पल है खुशियों की दास्तां।
यादों की रेखाएँ, अब भी हैं साथ,
बचपन के दिन, जीने की आवाज़।
हर बात पर हंसी, हर खेल में खोया,
बचपन के दिन, हर दिन अनमोल होता रोया।
© nishitgangwar
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