सफर : 1st Semester ka
कॉलेज का वो पहला दिन,
थोड़ी घबराहट मन बेचैन
हर चेहरा अनजान, एहसास नया
सुना बहुत था कालेज Life और seniors के बारे में
अब देखने का भी वक्त आ गया था,
पहले दिन ने ही धड़कनों को तेज कर रखा था,
पर किसे पता था कि ये पल जिंदगी के सबसे हसीन पलों और यादगार लम्हों में से एक हो जाएंगे ।
एंट्री हुई, सब से मिले, दोस्त बने
कुछ नॉर्मल, कुछ खास, और कुछ तो दिल के पास,
बातें होती थी सब से, कुछ यों करते हम छा गए
जितनों से भी मिलता था, सब दिल को लुभा गए
कुछ दिन बीते, वो भी आई, पर ना उसका दीदार हुआ
कॉलेज लाइफ में सब को होता है, मुझको भी उससे प्यार हुआ
पहले इंस्टा पे बात हुई, फिर कुछ दिनों बाद मुलाकात हुई
कुछ दिन बाद फिर विंटर होलीडेज आ गए
कुछ को छोड़ सब अपने घर को भाग गए
वो वक्त हॉस्टल का सबसे बुरा वक्त था।
सब के जाने के बाद सारी रात रोया था और पूरे दिन सोया था,
चंद दिनों में हम काफी पास जो हो गए थे,
हॉस्टल वालों की bonding ही कुछ ऐसी थी
साथ में उठना, साथ नहाना, साथ में खाना और सो जाना ।
ओ सॉरी !
पढ़ाई तो भूल ही गया था, खैर छोड़ो हम करते भी नहीं थे ।
सेमेस्टर एग्जाम्स के टेंशन जो नहीं थे।
कुछ दिनों बाद सब वापस आए
हॉस्टल में हम सब फिर से छाए
चंद महीनों के सफर में काफी लोग मिले,
बातें हुई दोस्त बने कुछ तो बेस्ट फ्रेंड्स भी,
Hayyy ! वो भी उनमें से एक थी !
Vacations के बाद classes start हुए, कुछ नए चेहरे,
अब 3 चेहरे अचानक से सामने, तीनों लड़कियां।
2 से तो अच्छे से निपट लिया, अब तीसरी ने पूछा, How do you feel to see me here…
मैं हक्का बक्का सा, ना जाने क्या बोल गया, शायद hurt कर दिया था मैंने,
Later on I realized, गलत बोला था मैंने, क्या करता, लड़कियो से कभी बात भी तो नहीं की थी ।
अगले दिन सॉरी बोला मैंने but कुछ ख़ास reaction नहीं था।
...
थोड़ी घबराहट मन बेचैन
हर चेहरा अनजान, एहसास नया
सुना बहुत था कालेज Life और seniors के बारे में
अब देखने का भी वक्त आ गया था,
पहले दिन ने ही धड़कनों को तेज कर रखा था,
पर किसे पता था कि ये पल जिंदगी के सबसे हसीन पलों और यादगार लम्हों में से एक हो जाएंगे ।
एंट्री हुई, सब से मिले, दोस्त बने
कुछ नॉर्मल, कुछ खास, और कुछ तो दिल के पास,
बातें होती थी सब से, कुछ यों करते हम छा गए
जितनों से भी मिलता था, सब दिल को लुभा गए
कुछ दिन बीते, वो भी आई, पर ना उसका दीदार हुआ
कॉलेज लाइफ में सब को होता है, मुझको भी उससे प्यार हुआ
पहले इंस्टा पे बात हुई, फिर कुछ दिनों बाद मुलाकात हुई
कुछ दिन बाद फिर विंटर होलीडेज आ गए
कुछ को छोड़ सब अपने घर को भाग गए
वो वक्त हॉस्टल का सबसे बुरा वक्त था।
सब के जाने के बाद सारी रात रोया था और पूरे दिन सोया था,
चंद दिनों में हम काफी पास जो हो गए थे,
हॉस्टल वालों की bonding ही कुछ ऐसी थी
साथ में उठना, साथ नहाना, साथ में खाना और सो जाना ।
ओ सॉरी !
पढ़ाई तो भूल ही गया था, खैर छोड़ो हम करते भी नहीं थे ।
सेमेस्टर एग्जाम्स के टेंशन जो नहीं थे।
कुछ दिनों बाद सब वापस आए
हॉस्टल में हम सब फिर से छाए
चंद महीनों के सफर में काफी लोग मिले,
बातें हुई दोस्त बने कुछ तो बेस्ट फ्रेंड्स भी,
Hayyy ! वो भी उनमें से एक थी !
Vacations के बाद classes start हुए, कुछ नए चेहरे,
अब 3 चेहरे अचानक से सामने, तीनों लड़कियां।
2 से तो अच्छे से निपट लिया, अब तीसरी ने पूछा, How do you feel to see me here…
मैं हक्का बक्का सा, ना जाने क्या बोल गया, शायद hurt कर दिया था मैंने,
Later on I realized, गलत बोला था मैंने, क्या करता, लड़कियो से कभी बात भी तो नहीं की थी ।
अगले दिन सॉरी बोला मैंने but कुछ ख़ास reaction नहीं था।
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