ये नगर है आइनो का
कभी मुझ को साथ लेकर, कभी मेरे साथ चल के;
वो बदल गए अचानक, मेरी ज़िन्दगी बदल के;
हुए जिस पे मेहरबाँ, तुम कोई ख़ुशनसीब होगा;
मेरी हसरतें तो निकलीं, मेरे आँसूओं में ढल के;
तेरी ज़ुल्फ़-ओ-रुख़ के, क़ुर्बाँ...
वो बदल गए अचानक, मेरी ज़िन्दगी बदल के;
हुए जिस पे मेहरबाँ, तुम कोई ख़ुशनसीब होगा;
मेरी हसरतें तो निकलीं, मेरे आँसूओं में ढल के;
तेरी ज़ुल्फ़-ओ-रुख़ के, क़ुर्बाँ...