...

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दर्द को लिख दिया शब्दो में
दुखो को शब्दो मे पिरोया तो आ गया आंखों में पानी,
दर्द को लिख दिया शब्दो मे तो बन गयी एक नई कहानी....

कलम उठायी तो रोते हुए कांप उठे हाथ,
दिल की एक एक तड़प बन गयी व्यंग एक साथ,
लिखना शुरू किया तो लिख दिए सारे दिल के जज़्बात,
पन्नो पे उतार दिए मासूमियत पे किए गए आघात,
दुखो को शब्दों में पिरोया तो आ गया आंखों में पानी,
दर्द को शब्दों में लिख दिया तो बन गयी एक नई कहानी....

आवाज़ थी सिर्फ कलम की और खामोशी से होटो को था सिया,
मन मे एहसासों के जज़्बातों ने तूफान मचा दिया,
दुखो को शब्दों में पिरोया तो आ गया आंखों में पानी,
दर्द को शब्दों में लिख दिया तो बन गयी एक नई कहानी....

जब वास्तिविकता की सच्चाई उतर गई कागज़ के पन्नो पर,
तब बिखर गया आंतरिकता से उठने वाला तुफानो भरा डर,
दुखो को शब्दों में पिरोया तो आ गया आंखों में पानी,
दर्द को शब्दों में लिख दिया तो बन गयी एक नई कहानी....

हिम्मत की कलम ने किया डर को दूर जाने के लिए मजबूर,
दिल हो गया हल्का जब आघातों की परेशानियों को किया खुद से दूर,
दुखो को शब्दों में पिरोया तो आ गया आंखों में पानी,
दर्द को शब्दों में लिख दिया तो बन गयी एक नई कहानी....

#Pains in words








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