वादे मत कर
यादें कैद इस दिल में आज भी है पर कहता हू खुद से, उन्हे याद मत कर।
मोहब्बत जो उस वक़्त की थी तुमसे, उसे आज मेरे अंदर ज़िंदा समझते की भूल मत कर।
मेरा दिल तोड़ कर टुकड़ो मैं बिखेर कर जब गई थी,
आज अपने साथ होने पर मुझे याद मत कर।
कितनी शाम तेरे उन नरम हाथों में रखा था मैंने अपना सर,
कितनी बाते करी थी, कितनी दफा तेरी लतों को मैंने अपने हाथों से...
मोहब्बत जो उस वक़्त की थी तुमसे, उसे आज मेरे अंदर ज़िंदा समझते की भूल मत कर।
मेरा दिल तोड़ कर टुकड़ो मैं बिखेर कर जब गई थी,
आज अपने साथ होने पर मुझे याद मत कर।
कितनी शाम तेरे उन नरम हाथों में रखा था मैंने अपना सर,
कितनी बाते करी थी, कितनी दफा तेरी लतों को मैंने अपने हाथों से...