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ये जिन्दगी है साहब !
ये जिन्दगी है साहब !
रंग तो दिखाएगी ही
कभी धूप कहीं छांव की सी काया है
फिर आज यूॕ मेरा मन क्यो भर आया है
क्या ये मेरी यादों में तेरी परछाई है
आँखे फिर आज नम हो आई हैं
ये अश्रुएं भी ठंड सी पड गई है देखो
क्षणभर के लिए जो तेरी तस्वीर
इन नयनों में समाई है
इस जिन्दगी में
जिन्दगी ने कई रंग दिखलाई है
इसने फिर आज देखो तेरी याद दिलाई है
© Diल की पाti (Deepa Rani)🖋..