बिन दर्द गुज़र न पाया दिसंबर
दस्तानों में सिमट न पाया दिसंबर
पहाड़ों से उतर न पाया दिसंबर
चूम लिए हवा ने बर्फ के आरिज़
शराबी भी हो न पाया दिसंबर
कबूतर के परों की हल्की हरारत...
पहाड़ों से उतर न पाया दिसंबर
चूम लिए हवा ने बर्फ के आरिज़
शराबी भी हो न पाया दिसंबर
कबूतर के परों की हल्की हरारत...