कुछ खट्टे कुछ मीठे लम्हें
मेे यारों....ये ज़ायका-ए-दावत-ए-ज़िंदगी ज़रा तो चख लो,
मुस्कान और अश्क दोनों ही लब-ओ-निग़ाह पर रख लो !!
हाँ....कुछ खट्टे कुछ मीठे लम्हों का नाम ही तो ये ज़िंदगी है,
ज़िंदगी की हर एक मेज़बानी को थोड़ा रुक कर परख लो !!
ये...
मुस्कान और अश्क दोनों ही लब-ओ-निग़ाह पर रख लो !!
हाँ....कुछ खट्टे कुछ मीठे लम्हों का नाम ही तो ये ज़िंदगी है,
ज़िंदगी की हर एक मेज़बानी को थोड़ा रुक कर परख लो !!
ये...