क्यूँ...?उम्मीद का कोई अर्क नहीं मिलता
जब तन्हाइयाँ घेरती है चहुँ दिशाओं से ,
नैनो की इस बरसात का ;
राज नहीं मिलता...
हृदय की वेदना कठोर भी हो जाती है पर ,
अंतरआत्मा...
नैनो की इस बरसात का ;
राज नहीं मिलता...
हृदय की वेदना कठोर भी हो जाती है पर ,
अंतरआत्मा...