वेश्यावृत्ति- एक शौक़ नहीं
शौक़ नहीं हर रोज नये कहारों का,
बिस्तर परे सिलवटें पहाडों का||
शौक़ नहीं मधु और मधुशालों का,
ना ही अर्ध नंग्न दुशालों का||
शौक़ नहीं रजवाड़ों, अफसर, आलो का,
दिल्ली...
बिस्तर परे सिलवटें पहाडों का||
शौक़ नहीं मधु और मधुशालों का,
ना ही अर्ध नंग्न दुशालों का||
शौक़ नहीं रजवाड़ों, अफसर, आलो का,
दिल्ली...