...

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इंतज़ार हैं मुझे
इंतज़ार हैं मुझे
उस हक़ीक़त का जो किसी मुक़्क़मल ख़्वाब सी हो
जिसकी हर शाम अपने आप में बे-शुमार सी हो

कुछ अध्-पकी मुराद लिए गुज़र कर रहा हूँ ।
चलो इक हादसा ही अता करदो जो किसी हसीन मुलाकात सा हो।।
©sandeep_kadam