...

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विरासत से,नहीं मिली सियासत से
लिखता हूँ मुकम्मल अपने कलम की ताकत से
मैं सोचता खुद का, नहीं सोचता मै कहावत से
हकीकत से करता बात-चित रात दिन
विरासत में मिली कलम, नहीं मिली सियासत से

© Tanishqraagh