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खुदगर्ज़ी
ज़िंदा तो हु, पर जीने की वजह नहीं हैं।
दर्द मे हु, पर दर्द का एहसास नहीं हैं।
हॅसता भी हु, पर खुशी नहीं हैं।
ज़िन्दगी मे अपनों का साथ भी नहीं हैं।
फिर भी मुझे एकेलापन महसूस नहीं होता हैं।
क्यों कि अब मेने खुदगर्ज़ी सिख लिया हैं।
© 𝙰𝖓𝖓𝖎𝖊
दर्द मे हु, पर दर्द का एहसास नहीं हैं।
हॅसता भी हु, पर खुशी नहीं हैं।
ज़िन्दगी मे अपनों का साथ भी नहीं हैं।
फिर भी मुझे एकेलापन महसूस नहीं होता हैं।
क्यों कि अब मेने खुदगर्ज़ी सिख लिया हैं।
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