...

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अरूप...
ज़िंदगी में तुम जरा-रूप को पार करना सीखो
अपने अरूप को खोजो । चेहरे को कम देखो
चेहरे के भीतर जो छिपा हुआ है कुरूप सा
उसे जरा ज्यादा देखो।
अपने तन को जरा कम देखो,
तन के भीतर जो छिपा है,
उस पर जरा ज्यादा ध्यान दो।
बस इतना कर लोगे, तो तुम ईश्वर के बनाये हुए
इंसान ही रहोगे...✍
jaswinder chahal
16/4/2024


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