10 views
मैं तो इश्क़ में हूँ तुम्हेंऐसा ही..
बहती रहती हैं
दरिया सी
आंखे बेचैन
तुम्हें लौट देखने की
फुरसत कहाँ है
ये जो फुरकत
मेरे हिस्से,किस्से है
क्या तुम्हारी
ज़िन्द का भी
यही इक बयां है
या अकेला हूँ
मुहब्बत के
इस दौर में भी मैं
खैर,
तुम निभाओ
तमाम
जिम्मेदारियां,
मैं तो इश्क़ में हूँ तुम्हें
ऐसा ही
मिलूंगा हमेशा सुशील..???
© राइटर.Mr Malik Ji...✍
दरिया सी
आंखे बेचैन
तुम्हें लौट देखने की
फुरसत कहाँ है
ये जो फुरकत
मेरे हिस्से,किस्से है
क्या तुम्हारी
ज़िन्द का भी
यही इक बयां है
या अकेला हूँ
मुहब्बत के
इस दौर में भी मैं
खैर,
तुम निभाओ
तमाम
जिम्मेदारियां,
मैं तो इश्क़ में हूँ तुम्हें
ऐसा ही
मिलूंगा हमेशा सुशील..???
© राइटर.Mr Malik Ji...✍
Related Stories
30 Likes
2
Comments
30 Likes
2
Comments