पागलपंती भी जरूरी है..
पागलपंती भी जरूरी है..
यहां किसने किस के अंदर झांका है,,
जो मेहसूस कर पाए..
कि हमनें भी इस दुनिया में कितना गम पाया है।
बेफिजूल से बातों से..
अब जो हमने अपना मन बहलाया है,,
वो तो वही समझ पाए..
जिसने इस दुनिया में उदासी भरे मन से भी कभी मुस्कुराया है।
© prashu92
यहां किसने किस के अंदर झांका है,,
जो मेहसूस कर पाए..
कि हमनें भी इस दुनिया में कितना गम पाया है।
बेफिजूल से बातों से..
अब जो हमने अपना मन बहलाया है,,
वो तो वही समझ पाए..
जिसने इस दुनिया में उदासी भरे मन से भी कभी मुस्कुराया है।
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