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fullstop .....
भविष्य बनना चाहती थी जिसका उसके अतिथ में भी मुझे जगह नहीं मिली,,,
इंतज़ार में उसके तिल तिल मर रही थी ठीक से मुझे मौत भी न मिली।।।।
उसके साथ छोड़ते ही ख्वाहिशें मर गई ,,,
सपनों के घर में जल गई सारी उमीदें और उन्हें कब्र तक न मिली।।।
जो गया वो नहीं था मेरा पर जो गवाया वो मेरा था,,,
इश्क़, मोहब्ब्त, प्यार लूटा कर बदले में ठोकरें मिली।।।।
सुर्ख लाल आंखें आंसुओं में भीगी हुई और कापता शरीर नहीं दिखता,,,
ऑनलाइन ब्रेकअप में मेरी तड़प को भी तड़प मिली।।।।
सब्र पर सब्र इंतज़ार के बाद भी इंतज़ार था,,,
करीबी भी मुझे उसकी सौ कोस दूरी जैसी मिली।।।।
राख हाथ में लिए अपनी मेरी आत्मा सो गई ,,,
मेरी ज़िंदगी बिन चाहें बिन मांगें बिन तड़पे किसी और को मिली।।।
© vandana singh