...

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इन जंजीरों को तोड़ना ही होगा।

इन जंजीरों को तोड़कर,
रुख हवा का मोड़कर,
चल रहे हैं देखो हम,
किस्मत पर सब छोड़ कर,
पर एक बात समझ में आई है,
किस्मत तो एक बहाना है,
असल में काम तो हमको ही करना है,
आगे भी हमे ही बढ़ना है,
लोगो का काम तो बस कहना है,
उनको तो असल में अपनी खामियों को छुपाकर हमारी उड़ानों को रोकना है,
तो आओ इन जंजीरों को तोड़े,
खुद पर फिर से भरोसा करना सीखे,
जब सपना बड़ा है तो रास्ता भी कठिन होगा,
पर हमको आगे बढ़ना ही होगा,
इन जंजीरों को तोड़ना ही होगा,
खुद को और खुदके सपनो को आजाद करना ही होगा,
इन जंजीरों को तोड़ना ही होगा,
इन जंजीरों को तोड़ना ही होगा।

© Mehta Khushi