...

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फिर मुहब्बत कौन करे
ऐसा तो नहीं की फिर से
कोई ख्वाब सजा नहीं सकते

किसी को करीब बहुत करीब
फिर से ला नहीं सकते

पर अब इतनी जहमत कौन करे
फिर किसी बेरहम से मुहब्बत कौन करे

कौन बसाए ख्वाब आंखों में किसी की
किसी के इंतजार में दिल बेचैन कौन करे

कौन तरसे फिर से किसी की एक कॉल को
फिर किसी की बेशुमार चाहत कौन करे

कौन रात भर जागे लंबी बातों के लिए
फिर ज़माने से बगावत कौन करे

कौन बैठे तमाम उम्र इंतजार में
फिर यूं मिलने की हसरत कौन करे



@an old poem
pic credit : google( movie love again)
© life🧬