...

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आदत नही इबादत
क्या कहे कैसे कहे दिल ले जज़्बात को
आप क्या हो मेरे लिये दिल चीर के मेरा देखिए
आपके होने से मैं हूँ जिंदा
आपके रूठ जाने दे जान निकलती है
तुम्हें भूल जाना मेरे बस में नही
सांसे रुक गयी तो ये अलग बात है
तेरी याद आती है हर सांस के साथ
वफ़ा का...