"कहां गया वो वाला इश्क "
कहां गया वो वाला इश्क.....
जहां घंटों खिड़की के नीचे इंतजार होता था,
bike नहीं तो cycle पे दीवाना सवार होता था,
canteen में इक़रार होता था,
landline पे इज़हार होता था,
कहां गया वो वाला इश्क.....
कहां गया वो वाला इश्क...
जो शादी की महफ़िल में मिलता था,
जो दुल्हन की सखियो में छुपा फिरता था,
चाय के stall के सामने से गुज़रा करता था,
bus stand की line में दिखा करता था......
कहां गया वो वाला इश्क.....
कहां गया वो वाला इश्क....
जो गरबे की रात को खिला करता था,
डांडिया के रास में हंसा करता था.......
colony के function में............
volunteers की भीड़ में...
जहां घंटों खिड़की के नीचे इंतजार होता था,
bike नहीं तो cycle पे दीवाना सवार होता था,
canteen में इक़रार होता था,
landline पे इज़हार होता था,
कहां गया वो वाला इश्क.....
कहां गया वो वाला इश्क...
जो शादी की महफ़िल में मिलता था,
जो दुल्हन की सखियो में छुपा फिरता था,
चाय के stall के सामने से गुज़रा करता था,
bus stand की line में दिखा करता था......
कहां गया वो वाला इश्क.....
कहां गया वो वाला इश्क....
जो गरबे की रात को खिला करता था,
डांडिया के रास में हंसा करता था.......
colony के function में............
volunteers की भीड़ में...