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क्या करोगे दास्ताँ सुनकर ....✍️
टूटे हुये सपनों और रूठे हुये
अपनों ने उदास कर दिया,
वरना लोग हमसे मुस्कराने का
राज पूछा करते थे।
माना कि गलत हम ही थे
जो तुमसे मोहब्बत कर बैठे,
पर रोयोगे तुम भी बहुत
ऐसी वफ़ा की तलाश में।
चलो अब जाने भी दो
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
खामोशी तुम समझोगे नहीं
और बयाँ हमसे होगा नहीं।
© अल्फाज़.शायरी...✍
अपनों ने उदास कर दिया,
वरना लोग हमसे मुस्कराने का
राज पूछा करते थे।
माना कि गलत हम ही थे
जो तुमसे मोहब्बत कर बैठे,
पर रोयोगे तुम भी बहुत
ऐसी वफ़ा की तलाश में।
चलो अब जाने भी दो
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
खामोशी तुम समझोगे नहीं
और बयाँ हमसे होगा नहीं।
© अल्फाज़.शायरी...✍
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