...

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Meri Zindagi Ek Phool
"एक तरफ आजमाइशें, एक तरफ सुकून,
बीच में मेरी ज़िंदगी खिलती बन कर फूल।
सफर लंबा तय करना है ज़रूर,
जो मेरे रोशनी पर जम जाए, ऐसी नहीं कोई धूल।
कभी थक जाती हूँ, कभी टूट भी जाती हूँ,
ज़िंदगी जीने का जज्बा, मगर हर लम्हा करती हूँ क़ुबूल।
जवाबदारी सिर्फ़ खुद से और खुदा से है,
कभी नहीं जाती हूँ ये भूल।
फूल हूँ आंधी का, धूल का,
चाहे रहना पड़े कीचड़ में,
खिली थी, खिली हूँ, खिलती रहूँगी हुज़ूर।"
© Haniya kaur
#motivational