...

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कहाँ हो तुम
तारों की तरह चमकती हो तुम
फ़ूलों की तरह खिलती हो तुम
लहरों की तरह बहती हो तुम

पर ना जाने कहाँ गया तुम्हारा
वो चमकना
वो फ़ूलों की तरह खिलना
और वो लहरों की तरह बहना

ढूँढते रहे हम तुम्हें
चमकते तारो में
खिलते हुए फ़ूलों में
बहती हुए लहरों में

पर ना जाने कहाँ खो गए हो तुम
तुम जो मेरी जिंदगी से दूर हो गई
तो जैसे तारो का चमकना
फ़ूलों का खिलना
और लहरों का बहना रुक सा गया हो

© Aryaugale