सिसकती रूह.....
सिसकती रूह से पुकार आयी तो होगी
बचाओ की चीत्कार से चिल्लाई तो होगी
मानवता के होते कत्लेआम में,
पैर पकड़ आबरू गिड़गिड़ाई तो होगी।
हवसीपन के अट्ठहास से...
बचाओ की चीत्कार से चिल्लाई तो होगी
मानवता के होते कत्लेआम में,
पैर पकड़ आबरू गिड़गिड़ाई तो होगी।
हवसीपन के अट्ठहास से...