शब्द की महिमा
शब्द की महिमा है अपार ,मत खेला करो इससे खेल
शब्द में इतनी शक्ति है नहीं मिलता जिसका कभी मेल
राम -राम शब्द कहते कहते हो जाते भवसागर पार
शब्द अगर पकड़ में ना हो तो यह देता ज़मीं पर उतार
सुंदर शब्द सुंदर वचन सदा रख तू हृदय में उतार
रहेगा फिर सबके दिलों में यही है जीवन का अमूल्य सार
शब्दों को भावों में पिरो हमेशा करना सुंदर इज़हार
जीवन रूपी चलती नैया में रहते ये चप्पू बन तैयार
बनते बिगड़ते संबंधों में नहीं कोई इनका पारावार
रख नियंत्रण में सर्वदा, महिमा अति अपरंपार
मीठे शब्दों की माला को लेना तुम कंठ उतार
धन्य धन्य शब्दों की महिमा होगा जीवन उद्धार
ज्योति महाजन