...

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शिक्षक की व्यथा।।

मैं एक शिक्षक हूं आपको थोड़ा समय
मिले तो मेरा हाल भी पूछ लेना।
यदि पूरी दुनिया के बारे में सोच चुके हो
तो थोड़ा मेरे बारे में भी सोच लेना।

यदि में तीस साल नौकरी करने के
बाद भी मिट्टी ढो रहा हूं ,
तो सोचो इसका कारण क्या है?
मैं कम वेतन में अपने बच्चों की ख्वाहिशों
को आंसुओ से धो रहा हूं,
तो सोचो इसका कारण क्या है?

बच्चों की आंखे खराब हो रही है ऑनलाइन पढ़ने से बिल्कुल सही कहा,
मेरे पास भी दो ही आंखें हैं मैं कहना चाहता था पर सबके सामने चुप रहा।

उन्हें दिनभर सोफे में बैठने से शारीरिक कष्ट हो रहा है मैंने पेपर में पढ़ा था।
जब शिक्षक को इन बातों का ज़िम्मेदार बताया जा रहा था मैं वहीं...