...

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लेनदेन इंसान से, प्यार भगवान से
सखी
मैं तुम्हें बताता हूं आंखों देखी
और भोगी बीती
इश्क से ज्यादा अच्छा है मौत
इश्क झूठ है सखी
आकर्षण, स्वार्थ अपने सुख की तलाश है सखी
तभी धोखा मिलने पर
आशिक हत्यारा भी हो जाता है
मगर इश्क है तीर्थ
जब यार हो शिव
तब प्यार है दिव्य
लेनदेन करो इंसान से
इश्क करो भगवान से

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