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बेरोजगारी

हाय बेरोजगारी कितना सताए
यह समस्या बढ़ता ही जाए
लोग इसे समस्या के नाम से जानते हैं
अपने जीवन का अभिशाप इसे मानते हैं
इस पर पहले लोग मेहनत आज माते हैं
फिर भी नहीं हटें जीवन से तो बदकिस्मती का नाम दे जाते हैं
हाय बेरोजगारी कितना सताए
यह तो समस्या बढ़ती ही जाए
मैं बताती हूं इससे समस्या क्या होती है
इस अभीशाप से जगी हुई किस्मत भी सोती है
इंसान के पास रोजगार नहीं होता मतलब
पैसे कमाने का स्रोत नहीं होता
कल कैसे खाएंगे ये सोचकर इंसान नहीं सोता
परिवार के बड़े लोग यह सोच कर कुछ नहीं मांगा करते
कि पैसे से कहां हैं पेट भरते
लेकिन बात है छोटे बच्चे की
उसे तो बाजार का हर खिलौना है भाता
एक खिलौना उसको सबसे ज्यादा पसंद है आता
उसको पाने का जिद कर बैठा
अब बेरोजगार इंसान कैसे बताएं
उस नन्हें जीव को कैसे समझाएं
बिन पैसा कुछ ना हो पाए
वह उस खिलौना को नहीं खरीद पाए
यह बेरोजगारी अभिशाप की तरह नजर आए
हाय इस बेरोजगारी की समस्या का जल्दी से हल निकल जाए
सब कोई अपने परिवार की जरूरत पूरी कर पाए
हाय बेरोजगारी कितना सताए
मजबूर इंसान कुछ नहीं कर पाए
बेरोजगारी की समस्या जनसंख्या वृद्धि से भी आए
मतलब जनसंख्या पर रोक बेरोजगारी की समस्या भगाए
बेरोजगारी की समस्या को दूर करना है तो स्वरोजगार का रास्ता अपनाएं
अपने साथ कुछ और लोगों को भी रोजगार उपलब्ध कराएं
हाय बेरोजगारी की समस्या का जल्दी से हल निकल जाए
हाय बेरोजगारी कितना सताए

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