फूल- काॅऺंटे
नयन से नयन मिले ,नयन चार होते रहते
क्या फूल के खेतों में काॅऺंटों का फसल बोते?
पलकें झुक-झुक रही है, संग-संग उठ रही है,
आईनों को क्या पता ऐसे क्यों व्यवहार होते|
एक नयन झुक रही है, लाखों उसपे उठ रही है,
अधूरा अधूरा भी व्यापार यहाँ नहीं होते||
फूल के खेतों में काॅऺंटों का फसल बोते||
अर्थी रानी बोली मुझसे ...
क्या फूल के खेतों में काॅऺंटों का फसल बोते?
पलकें झुक-झुक रही है, संग-संग उठ रही है,
आईनों को क्या पता ऐसे क्यों व्यवहार होते|
एक नयन झुक रही है, लाखों उसपे उठ रही है,
अधूरा अधूरा भी व्यापार यहाँ नहीं होते||
फूल के खेतों में काॅऺंटों का फसल बोते||
अर्थी रानी बोली मुझसे ...