...

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जीवन की दो राह पर ।
चल पड़े है दुनियां में सब
जीवन की दो राह पर ,
जर, जोरू, जमीन, झगड़ा
आह, मात और शह धर ।
©®@Devideep3612
कौन कमाया कौन गवांया
कौन छीना कौन है खाया
कौन दबाया कौन नवायां
कौन साथ है, क्या भर लाया ??

जीवन तो आनी जानी है
दो पल की ही जिंदगानी है,
इस जीवन की दो राह पर ,
करना बस बंदगानी है ।
©®@Devideep3612
तु क्या लेकर के आया है ?
क्या लेकर जाने वाला है ??
खाली हांथ ही आया है और,
खाली हांथ ही जाना है...!

ये दो राहों की जिंदगानी है,
सच और झूठ की कहानी है,
बनना जो तुझको है सच्चा,
तो सच की राह पकड़नी है ।

ये राहें दो जैसे, दो पाटें है
तकदीर इसमें ही लेटे है,
आनी जानी के बीच में,
जीवन हमको समेटे है।
©®@Devideep3612.