...

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दीपक....
जलना है जिसके नसीब सदा
गरीब हो अमीर सबके पलता है दीपक

झोंपड़ी हो या महल सब में
बिना भेदभाव के जलता है दीपक।

जीत की विजय पताका है दीपक
भगवान के भाव का प्रतीक है दीपक

श्री राम के आगमन का सूचक है दीपक
माता सीता की पवित्रता का साक्ष्य है दीपक

अंधेरी रातों में उम्मीद का सूरज है दीपक
फ़ना हुए हर परवाने का इश्क है दीपक।

प्रेम में खुद को जलना सिखाता है दीपक
'स्वचेतन' का प्रकाश जगाता है ये दीपक।

चेतन घणावत स.मा.
साखी साहित्यिक मंच, राजस्थान
© Mchet043