...

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नारी की अहमियत
एक स्त्री की कमी तब अखरती है ,
जब वो चली जाती है वापस लौट कर नहीं आती।
छत पर लगे जाले व आँगन की धूल
हटाने में संकोच आता है
" तुम्हारी ये सफाई " कहने का मौका
नहीं मिल पाता !!

एक स्त्री की कमी तब अखरती है
जब कालरों की मैल जुटाने में
पसीना छूट जाता है
चूडियां साथ में नहीं खनकती
उसका "मेहनतकश" होना याद आता है !!

एक स्त्री की कमी तब अखरती है
जब घर में देर से आने पर
रोटियां ठंडी हो जाती है सब्जियों में
तुम्हारी पसंद का जायका नहीं...