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बस इतनी सी गुज़ारिश है
भले ही मेरे क़दम से क़दम मिलाकर,
तुम मेरे साथ कभी भी न चलना।
बस इतनी सी गुज़ारिश है तुम से,
लड़खराने लगूँ तो आ के सँभाल लेना।
ग़र खो जाऊँ कभी दुनिया के भीड़ में,
तो तुम मुझे आवाज़ दे कर बुला लेना।
बस इतनी सी गुज़ारिश है तुम से,
नादान समझ कर मुझको राह दिखा देना।
तुम मेरे साथ कभी भी न चलना।
बस इतनी सी गुज़ारिश है तुम से,
लड़खराने लगूँ तो आ के सँभाल लेना।
ग़र खो जाऊँ कभी दुनिया के भीड़ में,
तो तुम मुझे आवाज़ दे कर बुला लेना।
बस इतनी सी गुज़ारिश है तुम से,
नादान समझ कर मुझको राह दिखा देना।
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