...

6 views

नाम
अब हो गया हूं बदनाम में
जब काम का था तब गुमनाम था ।
बस थीं झूठा शान और खोखला सम्मान था।
नाम की जगह बनाने कि जद्दोजहद में
आजीवन परेशान था।
आखिर आ ही गया इस भी सांझ का सवेरा
पर आंखें खुली तो देखा आगे श्मशान था।


© Ashish Raj