"नर्म एहसास तुम्हारे..." ✍️✍️
"मृगनयनी सी हो चंचल तुम..
मेरे चितवन में हलचल करती रहती हो ।
एहसास मेरे जुड़ चुके हैं सारे ही तुमसे,
मेरे दिल-ए-मकाँ में तुम हर पल रहती हो ।।
💞
आरज़ू-ए-मोहब्बत बस इतनी सी है मेरी,
ता-हयात का संग बख़्श दे तुम्हारा मुझे ख़ुदा...
कि- तृप्त हो जाएगी रूह मेरी प्रेम से तुम्हारे,
कल-कल करती...
मेरे चितवन में हलचल करती रहती हो ।
एहसास मेरे जुड़ चुके हैं सारे ही तुमसे,
मेरे दिल-ए-मकाँ में तुम हर पल रहती हो ।।
💞
आरज़ू-ए-मोहब्बत बस इतनी सी है मेरी,
ता-हयात का संग बख़्श दे तुम्हारा मुझे ख़ुदा...
कि- तृप्त हो जाएगी रूह मेरी प्रेम से तुम्हारे,
कल-कल करती...