नन्हे हाथों में कलम, भविष्य की ज्योत(Baal Diwas Special)
मेरी सोच के गलियारों में मच गई तबाही,
जब एक ख़बर मेरे सामने आई,
सुना है कि इस महान देश के किसी कोने में कभी एक लाइब्रेरी गई थी बनाई,
डेढ़ लाख किताबों में से,
अस्सी हज़ार ने बारिश के पानी में है अपनी जान गँवाई।
देखकर नाज़ुक सूरत-ए-हाल मन घबराता है,
आज का इंसान लिखना पढ़ना नहीं चाहता है,
जो लिख गए लेखक, शायर, बुद्धिजीवी
वही पढ़कर हर...
जब एक ख़बर मेरे सामने आई,
सुना है कि इस महान देश के किसी कोने में कभी एक लाइब्रेरी गई थी बनाई,
डेढ़ लाख किताबों में से,
अस्सी हज़ार ने बारिश के पानी में है अपनी जान गँवाई।
देखकर नाज़ुक सूरत-ए-हाल मन घबराता है,
आज का इंसान लिखना पढ़ना नहीं चाहता है,
जो लिख गए लेखक, शायर, बुद्धिजीवी
वही पढ़कर हर...