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धड़कन
ख़ुशबू फूलों की तरह मोहताज नहीं,
मेरी उड़ने के लिए,
मुरझाते है वो पल दो पल में,
खिल उठा हुं में हर पल के लिए,
ख़ुशबू बसती है मेरी सांसों में,
इन सांसों को कयूं रोकेगा कोई,
सांसों में बस गए हैं ख़ुशबू मेरी इस तरह,
जेसे बसी है दिल में धड़कन....
© Hiren Brahmbhatt - HirSwa
मेरी उड़ने के लिए,
मुरझाते है वो पल दो पल में,
खिल उठा हुं में हर पल के लिए,
ख़ुशबू बसती है मेरी सांसों में,
इन सांसों को कयूं रोकेगा कोई,
सांसों में बस गए हैं ख़ुशबू मेरी इस तरह,
जेसे बसी है दिल में धड़कन....
© Hiren Brahmbhatt - HirSwa
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