"शब्दों के घातक तीर"
शब्दों के घातक तीर,
चोट रूह तक करते हैं..!
रिश्तों की दीवार को,
दरार से भरते हैं..!
साथ जीने की कसमें खाने वाले,
वादों से मुकरते हैं..!
...
चोट रूह तक करते हैं..!
रिश्तों की दीवार को,
दरार से भरते हैं..!
साथ जीने की कसमें खाने वाले,
वादों से मुकरते हैं..!
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