...

2 views

ज़ंजीर
#जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर,
रुख़ हवा का मोड़कर,
चल रहे हैं देखो हम ,
उम्मेदों का दुपट्टा ओढ़कर।

ज़ंजीरो को शमशीरों में बदलने का हुनर ​​है हम में,
रख देते हैं मुश्किलों की राहें मोड़ कर,
चल रहे हैं देखो हम,
उम्मेदों का दुपट्टा ओढ़कर।


ज़ंजीरो को पैरों की पायल बना देंगे,
राह के काटों को फूलों से
साजा देंगे,

जाएंगे नहीं मगर रणभूमि से मुख मोड़कर,

चल रहे हैं देखो हम,

उम्मीदों का दुपट्टा ओढ़कर।
#WritcoPoemChallenge #hindipoetry #motivational
© Haniya kaur