~ कठिनाइयों के सागर ~
मन में चिंताओं का उठा धुआँ
मस्तिष्क में शैलाब बनाए जाता है
कि धीरे–धीरे हमारी जिंदगी भी
हमसे रोज सौ सवाल किए जाता है,
अनेक कठिनाइयों के सागर में
ये जिंदगी हमें डुबाए जाता है
ना जाने कैसी कश्मकश है ...
मस्तिष्क में शैलाब बनाए जाता है
कि धीरे–धीरे हमारी जिंदगी भी
हमसे रोज सौ सवाल किए जाता है,
अनेक कठिनाइयों के सागर में
ये जिंदगी हमें डुबाए जाता है
ना जाने कैसी कश्मकश है ...