पूनम का चांद
रात के स्याह अंधेरे में एक चांद चमचमाता है
हर अमावस के बाद पूनम का चांद आता है
अवनी से लेकर क्षितिज तक, मयंक
शीतल प्रकाश, थाली भर भर कर उडे़लता है
चमक रही धरती सारी पेड़ पौधों की हरियाली
दूर कहीं ...
हर अमावस के बाद पूनम का चांद आता है
अवनी से लेकर क्षितिज तक, मयंक
शीतल प्रकाश, थाली भर भर कर उडे़लता है
चमक रही धरती सारी पेड़ पौधों की हरियाली
दूर कहीं ...