भीड. में भी तनहा
अपने आशियाने से बाहर देखा,
तो दुनिया में लोग बेशुमार थे |
बाहर के मुकाबले
भीतर हमारे चाहने वाले मुख्तसार थे |
पर जब निकले हम बाहर ,
तो इस जहान का कुछ मुख्तलिफ सा अंदाज़ था
करोड़ो की भीड. में भी मैं तनहा,
न जाने ये...
तो दुनिया में लोग बेशुमार थे |
बाहर के मुकाबले
भीतर हमारे चाहने वाले मुख्तसार थे |
पर जब निकले हम बाहर ,
तो इस जहान का कुछ मुख्तलिफ सा अंदाज़ था
करोड़ो की भीड. में भी मैं तनहा,
न जाने ये...