तहफ्फुज़
कुदरत का दिया सबसे बड़ा काम नहीं कर पाता आदमी किसी भी एक औरत के लिए।
नहीं दे पाता सुरक्षा पूरी तरह।
कोई ना कोई एक औरत.... नहीं कर पाती सुरक्षित महसूस।
कभी अपने कुटुम्ब की कभी गैर घर की।
'तहफ्फुज़' केवल शब्द नहीं ये...
नहीं दे पाता सुरक्षा पूरी तरह।
कोई ना कोई एक औरत.... नहीं कर पाती सुरक्षित महसूस।
कभी अपने कुटुम्ब की कभी गैर घर की।
'तहफ्फुज़' केवल शब्द नहीं ये...