"अलविदा से पहले",,,
मां–बाप के रहते सम्भल जाओ,
वरना वक्त संभलने का मौका नहीं देगा,
हाथ से रेत की तरह फिसल जाएगा,
समझने का भी मौका नहीं देगा,,
तरस जाओगे छूने को,,
मगर छू नहीं पाओगे,,
पछताओगे बहुत,,
मगर कुछ कर नहीं पाओगे,,
वो देखेंगे तुम्हे दूर से,,
और तुम देखने को तरस जाओगे,,
सुनने को उनकी आवाज़,,
तुम...
वरना वक्त संभलने का मौका नहीं देगा,
हाथ से रेत की तरह फिसल जाएगा,
समझने का भी मौका नहीं देगा,,
तरस जाओगे छूने को,,
मगर छू नहीं पाओगे,,
पछताओगे बहुत,,
मगर कुछ कर नहीं पाओगे,,
वो देखेंगे तुम्हे दूर से,,
और तुम देखने को तरस जाओगे,,
सुनने को उनकी आवाज़,,
तुम...