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जाने दो
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
और बेवजह जो युही वजह बनता गया ।
धुंधली नजरिए न देख पाएंगे,
स्पष्ट इरादे।
चंद्रदेव कि शीतलता न समझ पाएंगे,
अहंकार के ताप से जलने वाले ।
प्रेम को नापने चले,
जो संदेह मे डुबा हुआ था ।
जाने दो जो चला गया,
सोने के खोज मे वह हीरे को नजरअंदाज कर गया ।
© payalchowdhury
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
और बेवजह जो युही वजह बनता गया ।
धुंधली नजरिए न देख पाएंगे,
स्पष्ट इरादे।
चंद्रदेव कि शीतलता न समझ पाएंगे,
अहंकार के ताप से जलने वाले ।
प्रेम को नापने चले,
जो संदेह मे डुबा हुआ था ।
जाने दो जो चला गया,
सोने के खोज मे वह हीरे को नजरअंदाज कर गया ।
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