...

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बिखर जायेगा..

निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
खुदको तु जरा बुलंद कर ले..

माला में है तब तक साथ है
ये मोती दिलाते जीवनका एहसास है
साथ है सब तो मजबुत है
अकेले रहे है तो कमजोर है..

सुलगे बिना सोना नहीं बनता
मेहनत के बिना कुछ नहीं मिलता
यहा हर एक की है अलग कहानी
किरदार है वही पर अलग है जबानी..

खुद का किया झमेला
अब तु खुद ही निपट ले
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;

© ram gagare