मासूमियत
मासूमियत भरी
आवाज में कहा चलो चलते है
ये पल दोबारा जी लेंगे
जायदा दूर निकल आये
फिर कभी फुर्सत में मिलेंगे,
मैंने कहा इतने समय बाद मिले हो
इतना इंतजार किया
अभी तो ढंग से निहारा नहीं
उन रूही पंछियों को...
आवाज में कहा चलो चलते है
ये पल दोबारा जी लेंगे
जायदा दूर निकल आये
फिर कभी फुर्सत में मिलेंगे,
मैंने कहा इतने समय बाद मिले हो
इतना इंतजार किया
अभी तो ढंग से निहारा नहीं
उन रूही पंछियों को...