जीवेशना
आदमी की
जीवेशना
कितनी प्रबल है
कि जीने के
े लिए वो ताउम्र
हाथ पाँव चला ता
रहता...
जीवेशना
कितनी प्रबल है
कि जीने के
े लिए वो ताउम्र
हाथ पाँव चला ता
रहता...