रिश्तेदारों का मेला
रिश्तेदारों का मेला, है बड़ा निराला,
हर त्यौहार पर आते, लेकर अपना थाला।
चाची जी लाती हैं, मिठाई की पोटली,
और खुद खाती हैं, रखकर अलग कटोरी।
मामा जी आते हैं, लंबी-लंबी कहानियां,
और फिर भूल जाते, घर की सब नादानियां।
फूफा जी आते हैं, सारा हाल बताने,
फिर बिन पूछे ही, देते हैं सलाह चलाने।
ताई जी कहती...